विश्व सोरियासिस दिवस:आम त्वचा रोग नहीं है सोरियासिस-डॉक्टर सी बी पांडे,
फरेंदा, महराजगंज
29 अक्टूबर विश्व सोरियासिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी फरेंदा पर तैनात डॉ सी बी पाण्डेय ने बताया कि सोरियासिस एक प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारी है, इस बीमारी में स्किन पर सफेद या लाल रंग के पपड़ीदार धब्बे होने लगते हैं,ज्यादातर लोगो मे यह स्कैल्प (खोपड़ी),हाथ,पैर,हथेलियों,पैर के तलवे,कोहनी,घुटनों और पीठ पर होती है,डॉ सी बी पाण्डेय ने बताया कि सोरियासिस लगभग सात प्रकार की होता है,सोरियासिस ऐसी बीमारी है कि यदि समय रहते इसका ठीक से इलाज नही होता तो यह बार बार होता है,भारत में सोरियासिस की व्यापकता लगभग 2.8% तक है, उन्होंने बताया कि सर्दियों में सोरियासिस बढ़ जाता हैं इसके कुछ निम्नलिखित लक्षण देखने को मिलते हैं जैसे सुखी फ़टी त्वचा में खुजली होना या खून बहना, मोटा खड़ा या फटा हुआ नाखून,सूजे हुये और कड़े जोड़,त्वचा के लाल धब्बे इत्यादि है।ऐसा लक्षण मिलने पर तुरंत इसके बचाव के लिए अपनी त्वचा को नम रखे,खुजली को शांत रखने के लिए गुनगुने पानी से नहाये, त्वचा के खुले क्षेत्रो की सुरक्षा हेतु सूती कपड़े पहने,त्वचा में नमी के स्तर को बढ़ाने के लिये पर्याप्त पानी पिये एवँ अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करे।