महायोजना जोनिंग रेगुलेशंस के विपरीत अवैध निर्माण पर खामोशी क्यों?
गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के संरक्षण व मिलीभगत से आवासीय क्षेत्र में अवैध निर्मित संचालित अस्पताल व नर्सिंग होमों से महायोजना जोनिंग रेगुलेशन के प्रावधान के अनुरूप प्रभाव शुल्क न लेकर भ्रष्ट लोक सेवकों द्वारा अनुचित लाभ लेते हुए लगभग करोड़ों रुपए के राजस्व की गंभीर क्षति किए जाने के विरुद्ध शासकीय तंत्र की खामोशी आम जनता के समझ से परे है।
उक्त बातें तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने सत्याग्रह संकल्प के 64 वें दिन कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि उक्त के विरुद्ध जनहित के मुद्दों पर विगत 2 माह से चल रहे क्रमिक धरने की उपेक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर कुठाराघात हमला है। आमजन के बीच या कौतूहल का विषय बना हुआ है कि जीडीए अध्यक्ष के कार्यालय पर संगठन जनहित के मुद्दों पर विगत 2 माह से बेवजह बैठा है या शासकीय शासकीय तंत्र संगठन के जनहित मैं सकारात्मक प्रयास को बेवजह साबित करने का षड्यंत्र कर रहा है। ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर शासन प्रशासन की खामोशी व नजरअंदाज जी उनकी अकर्मण्यता व भ्रष्टाचार को प्रदर्शित करती है। पूर्व छात्र नेता डॉक्टर सत्य प्रकाश पाठक ने कहा कि मुझे बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि जो काम सरकारों का होना चाहिए ऐसे सभी नियमानुसार कार्यों के लिए ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन द्वारा 64 दिनों से लगातार धरना कार्यक्रम करके सरकार को बताने और एहसास कराने का कार्य किया जा रहा है फिर भी प्रदेश के मुख्यमंत्री वाह उनके गृह जनपद गोरखपुर की जनता को आए दिन हो रही परेशानियों के बारे में मुख्यमंत्री के संज्ञान में उनका प्रशासनिक अमला जानबूझकर उनके सामने नहीं ला रहा है जबकि सुनने में ऐसा आता है कि मुख्यमंत्री जी जनता की समस्याओं को लेकर स्वयं बहुत चिंतित रहते हैं विचारणीय प्रश्न यह है कि वास्तव में वह चिंतित रहते हैं या इनके अधिकारी परिस्थितियां ऐसी बन रही हैं कि तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन को अब उच्च न्यायालय तक जाने पर विवश होना पड़ रहा है हमारी लड़ाई तो बहुत ही साफ है जबकि अधिकारियों के चश्मे में धुंध छाई हुई है वरना उठाए गए जनहित के मुद्दे सभी बिंदु बगैर चश्मे आंखों के भी छूकर देखे जा सकते हैं कि यहां अवैध निर्माण हुआ। क्या कारण है कि सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन जीडीए के सारे अराजक अधिकारी कर्मचारी विगत 25 वर्षों से एक ही स्थान पर पड़े हुए हैं या अभी समस्याओं में गोरखपुर की जनता के लिए प्रमुख समस्या है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता गिरिजेश शुक्ला, डॉक्टर सत्य प्रकाश पाठक पूर्व उपाध्यक्ष गोरखपुर दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, प्रदेश सचिव उ.प्र. व राष्ट्रीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुप मिश्रा, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, हरे राम पांडे एडवोकेट उच्च न्यायालय प्रयागराज, वीरेंद्र कुमार उपाध्याय एडवोकेट, रामनिवास गुप्ता, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विपुल मिश्रा, प्रदेश आई.टी. सेल प्रभारी अमरजीत यादव, आईटी सेल सदस्य धर्मराज यादव, दुर्गेश यादव, दिनेश यादव, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, वरिष्ठ वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश शुक्ला कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, गोकुल गुप्ता जनपद कुशीनगर सूर्य देव शर्मा, सतीश कुशवाहा, अजय, जाहिद अली, मजहर उर्फ लाड़ले, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, अमर सिंह, अजय कुमार सिंह, उमाशंकर मझवार, कमिश्नर बार के गोरखपुर शंभू सिंह श्रीनेत, दुर्ग विजय गौड़ एडवोकेट दिवानी बार गोरखपुर संजय गुप्ता, रुपेश शुक्ला, श्याम जी मद्धेशिया, महेंद्र मोहन तिवारी, सतीश मौर्या, विशाल, आदर्श, सत्येंद्र यादव, राजेश कुशवाहा, वंश गुप्ता, गोलू, वृंदावन शर्मा, सतीश चन्द्र कुशवाहा, राजकुमार यादव, राजा राम यादव और जय बहादुर इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।