पिपराइच विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में किन किन का था कब्जा,
कभी बसपा कभी सपा कभी भाजपा पर जनता ने दिखाया विश्वाश
इस विधानसभा सीट पर तीन बार लगातार जीते थे निर्दलीय उम्मीदवार जितेंद्र जैसवाल उर्फ पप्पू भैया
पिपराइच विधानसभा में मतदाताओं की संख्या और जातीय समीकरण
गोरखपुर जनपद के पिपराइच विधानसभा के बीते हुए चुनावो की बात करे तो 2007 में इस सीट पर बसपा से स्व जमुना निसाद ने जीत दर्ज की थी 2012 में समाजवादी पार्टी से स्व जमुना निसाद की धर्मपत्नी राजमती निसाद ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी लेकिन भाजपा लहर में इस सीट पर भाजपा पार्टी के महेंद्र पाल सिंह ने जीत दर्ज की।बात करे 2017 के चुनाव की तो बसपा से उम्मीदवार आफताब आलम से भाजपा के महेंद्र पाल सिंह ने 12809 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। आफताब को 69930 मत जबकि महेंद्र पाल को 82739 मत मीले थे वही सपा से उम्मीदवार अमरेंद्र निसाद को 51031 मत और निर्दलीय उम्मीदवार अनिता जैसवाल को 31073 मत मीले थे।अगर बात करे 2012 के चुनाव की तो सपा उम्मीदवार राजमती निसाद को 86976 मत बसपा उम्मीदवार जितेंद्र जैसवाल को 51341 मत 2007 में बसपा उम्मीदवार जमुना निसाद को 41584 मत निर्दलीय उम्मीदवार जितेंद्र जैसवाल उर्फ पप्पू भैया को 32258 मत।आपको बता दे की 1993,1996 और 2002 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जितेंद्र जैसवाल उर्फ पप्पू भैया का कब्जा रहा था लेकिन 2007 के चुनाव में जमीनी नेता जमुना निसाद जब बसपा से उम्मीदवार हुए तो निसाद और दलित समाज के वोट के सहारे लगातार तीन बार विधायक बने पप्पू भैया को हरा सारा गणित बदल दिया फिर बसपा सरकार में मंत्री रहे जमुना निसाद की एक्सीडेंट में लखनऊ जाते समय मृत्यु होने के उपरांत 2012 के चुनाव में सपा ने स्व जमुना निसाद की धर्मपत्नी को उम्मीदवार बनाया तो पिपराइच विधानसभा की जनता ने भरपूर समर्थन किया और वह विधायक बनी लेकिन फिर 2017 के चुनाव में पिपराइच विधानसभा की जनता ने भाजपा लहर में भाजपा उम्मीदवार पर भरोसा जताया।
पिपराइच विधानसभा में मतदाताओं की संख्या और जातीय समीकरण
इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या लगभग 3 लाख 86 हजार है जिसमे पुरुष मतदाता 1 लाख 89 हजार 267 और महिला मतदाता 1 लाख 45 हजार 549 है इस विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ी जाति के मतदाता सबसे अधिक दूसरे नंबर पर दलित समाज और तीसरे नंबर पर मुस्लिम समाज के लोग है स्वर्ण जातियों का वोट यहा बहुत कम है पिछड़ी जातियों की बात करे तो सबसे अधिक निसाद विरादरी के लोग है उसके बाद शैथवार,फिर मुस्लिम और फिर यादव विरादरी का वोट है।कहा जाए तो यह सीट निसाद, शैथवार ,मुस्लिम व यादव बहुसंख्यक है