वाहे गुरु के ज्ञान से, बनेगें सबके बिगड़े कामकाज,
शबद कीर्तन, भजन, लंगर तथा प्रवचन का हुआ आयोजन
नौतनवा महराजगंज : सन् 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही राय भोई की तलवंडी नामक जगह पर गुरु नानक जी का जन्म हुआ था। इस कारण हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पर्व या गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। सिख समुदाय के लोगों के लिए ये दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है।
श्री गुरुनानक देव जी महाराज के 552 वें प्रकाश गुरु पर्व पर शुक्रवार को नौतनवा नगर के गुरुद्वारा में श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। इस दौरान गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में शबद कीर्तन, भजन, लंगर तथा प्रवचन का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य कथावाचक जलंधर के भाई सतनाम सिंह ने गुरुनानक के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अनुयायियों से उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
गुरू नानक जयंती पर सिख धर्मावलंबियों में सुबह से ही उत्साह देखा गया। गुरुद्वारा में एक बजे कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस दौरान वाहे गुरुजी का खालसा वाहे गुरुजी की फतह के नारों से गुंजयमान हो गया। अमृतसर के रागी हरिंद्र सिंह व साथी इंदौर के रागी अमनदीप सिंह व साथी कीर्तनी जत्था ने भजन कीर्तन प्रस्तुत किए। भजनों को सुनकर गुरूद्वारे मेें मौजूद श्रद्घालु गुरू की भक्ति में डूब गए। कथावाचक सतनाम सिंह ने कहा कि गुरूनानक देव ने सभी को सबका मालिक एक का मूलमंत्र दिया। गुरू जी ने अपने उपदेशों में कहा है कि न कोई हिंदू है न कोई मुसलमान है और न कोई छोटा है न कोई बड़ा सभी एक परमपिता परमेश्वर की संतान है। सभी को आपस में मिलजुलकर रहना और ईमानदारी एवं सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए। रागी जत्था हरिंद्र सिंह व अमनदीप सिंह ने शबद कीर्तन से सबको निहाल किया। दोपहर बाद भंडारा शुरू हुआ, जो देर रात्रि तक चलता रहा, भंडारा मेें सैकड़ों लोगों ने लंगर छका। इस अवसर पर पूर्व विधायक मुन्ना सिंह, नगर चेयर मैन गुड्डू खान, जितेंद्र जायसवाल, गुरुद्वारा कमेटी अध्यक्ष परमजीत सिंह उर्फ बाबी, रंजीत सिंह, बलजीत सिंह, रविंद्र कौर, हरप्रीत सिंह राजपाल, भूपेंद्र सिंह उर्फ संटी, मनजीत सिंह, रविंद्र कौर, सरन कौर, रजिंद्र कौर, गुरुमीत कौर, भूपेंद्र कौर सहित अन्य लोग मौजूद रहे।