मनाई गई गेंदा बाबू की जयंती शहीद चंद्रभान की प्रतिमा का हुआअनावरण

कुशीनगर।किसान पीजी कालेज बनरहां से सीताराम चौराहा खेल मैदान तक पांच किमी पुरुषों के मिनी मैराथन में 152 धावकों ने प्रतिभाग किया। अभिषेक प्रथम , श्रवण कुमार द्वितीय व पिंटू तृतीय स्थान पर रहे। जबकि आकाश सिंह, मेराज खान, हरिओम पासवान क्रमशः चौथे, पांचवें व छठवें स्थान पर रहे जिन्हे सांत्वना पुरस्कार दिया गया। शुभारंभ तमकुहीराज के विधायक डा. असीम कुमार, केन यूनियन चेयरमैन राजू राय, चेयरमैन श्यामसुंदर विश्वकर्मा, पूर्व चेयरमैन त्रिभुवन जायसवाल ने हरी झंडी दिखाकर किया। खेल मैदान सीताराम चौराहा से बलिदानी चंद्रभान चौरसिया के समाधिस्थल तक 2.5 तक महिलाओं के मैराथन में डिंपल सिंह प्रथम, रंजना राजपूत द्वितीय, पूजा वर्मा तृतीय स्थान पर रहे पूनम निषाद, मंशा व कंपोजिट विद्यालय भगवानपुर की छात्रा सरिता निषाद क्रमशः चौथे, पांचवें व छठवें स्थान पर रहे उन्हें सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
समाधिस्थल परिसर में आयोजित बेसिक बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता के जूनियर स्तर के सेमीफाइनल व फाइनल मुकाबले आयोजित हुए। बालिका वर्ग में कंपोजिट विद्यालय भगवानपुर विजेता व उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहपुर खलवापट्टी की टीम उपविजेता रही। बालक वर्ग में उच्च प्राथमिक विद्यालय माधोपुर की टीम विजेता व कंपोजिट विद्यालय भगवानपुर के छात्र उपविजेता रहे। ब्लाक व्यायाम शिक्षक अमित श्रीवास्तव, रवीश कुमार, अमित कन्नौजिया, राजेश यादव, शक्ति नारायण, उमेश कुमार निर्णायक की भूमिका में रहे।
इसके पश्चात वीरांगना पिंकी चौरसिया, पुत्रगण आयुष व आर्यन, पिता राजबलम चौरसिया, पूर्व विधायक व महोत्सव समिति के संरक्षक गंगा सिंह कुशवाहा, विधायकगण सुरेंद्र सिंह कुशवाहा, डा. असीम कुमार, पूर्व प्रमुख गिरिजेश जायसवाल, आयोजन समिति के अध्यक्ष विनय राय ने किया। कुशीनगर महोत्सव में मंगलवार को कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ।जिसमें काव्य की रसधार बही।इसमें कवियों ने वीर और श्रृंगार रसात्मक माहौल बना दिया।वहीं हास्य कवियों ने श्रोताओं को लोट-पोट कर दिया।कवि सम्मेलन का शुभारंभ जेल विभाग में सेवा दे रही भोपाल की कवयित्री शिवांगी शर्मा ‘प्रेरणा’ के ‘शारदे मां कृपा मुझपे ऐसी करो….’ सरस्वती अर्चना से हुआ।इसके बाद नागपुर से आई प्रख्यात कवयित्री श्रद्धा शौर्य ने मंच संभाल लिया।श्रद्धा ने शहीद के संघर्ष,नारियों के सम्मान और स्वाभिमान पर काव्य पाठ किया।’तुम खुद अपना चिर बचा लो,कृष्ण नही आ पाएंगे…’,तुम्हारे प्यार में पड़कर जहर मैं खा नहीं सकती… लुटाके घर की इज्जत को मोहब्बत पा नहीं सकती…’ सुनाया।श्रृंगार रस की कवयित्री शिवांगी शर्मा ‘प्रेरणा’ ने ‘प्रेम में हर इक खेल मंजूर है…..’ सुनाया।एकता उपाध्याय ने वीर रसात्मक कविता ‘विद्या कला कौशल श्रीराम की धरती… पूजते हैं पत्थर ये बुद्ध महान की धरती सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।निधि त्रिपाठी ने ‘जबसे मेरी नजरें, तेरी नजरों से मिली हैं..’ सुनाकर तालियां बजवाई।सूर्य प्रताप सिंह ने राजनीति के कुरीतियों पर वार करतें हुए काव्य पाठ किया।दिनेश तिवारी ‘भोजपुरिया’ ने अपनी हास्य रचनाओं से सभी को हंसाकर लोट पोट कर दिया।कवयित्री भावना द्विवेदी ने ‘मुझको मीठी तलब का सिला दीजिये… दिल को जाम-ए-मोहब्बत पीला दीजिये सुनाया।