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नाग देवता के पूजन से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती

नौतनवा महराजगंज : सावन माह हिन्दू धर्म के अनुयाइयों के इस्ट देव भगवान् शिव को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान् शिव को नाग बहुत प्रिय होते हैं। सावन माह में शुक्ल पक्ष तिथि की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है, जिसमे नाग देवता की पूजा की जाती है। नाग पंचमी का त्योहार नागों और सर्पों के पूजन और संरक्षण का त्योहार है। इस दिन नाग देवता का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। नाग पंचमी का त्योहार सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 13 अगस्त, दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता के पूजन से न केवल सर्प भय से मुक्ति मिलती बल्कि फसल अच्छी होती है और घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती। हिंदू धर्म में प्रचीन काल से नागों के पूजन का विधान है। नाग पंचमी के दिन अनंत नाग, शेष नाग, तक्षक नाग के साथ नागों की माता मंसा देवी और उनके पुत्र आस्तिक मुनी का भी ध्यान किया जाता है।
इस दिन लोग अपने घरों की दीवारों पर नागों और साँपों की आकृति बनाकर उनकी पूजा करते हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। नाग का दर्शन करना इस दिन शुभ माना जाता है।
नागपंचमी को महिलाएं घर के पुराने कपडों से गुड़िया बनाकर चौराहे पर डालती हैं और बच्चे उन्हें कोड़ो एवं डंडों से पीटकर खुश होते हैं। इस परम्परा की शुरूआत के बारे में एक कथा प्रचलित है। तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। तभी से नागपंचमी पर गुड़िया को पीटने की परम्परा है।

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