ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जिसे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व रबी-उल-अव्वल के तीसरे महीने की 12वीं तारीख को आता है। इस दिन को पूरी दुनिया में मुसलमान बेहद श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाते हैं, और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षा और उनके जीवन के आदर्शों को याद करते हुए समर्पण का भाव दिखाते हैं।
निचलौल शहर में सोमवार को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। शहर के साथ-साथ आस-पास के गांवों में भी जुलूस निकाले गए। प्रमुख स्थानों जैसे घोडहवा , बहरौली, तिकुलहिया, भी मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर इस पर्व को मनाया। इन स्थानों पर बच्चों, बुजुर्गों, और युवाओं ने मिलकर मोहम्मद साहब के प्रति अपना आदर और प्रेम प्रकट किया।मदरसा अजीजिया मजहरूल उलूम से शुरू हुआ यह जुलूस पूरे शहर में घूमते हुए विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा। इसमें कटरा चौराहा, मेन तिराहा, थाना रोड, और सरकारी अस्पताल के सामने से होते हुए जुलूस ने नगर की गलियों को धर्मशाला रोड और मेन मार्केट से पार किया। इस जुलूस का समापन फिर से मदरसे पर हुआ, जहां सभी लोगों ने मिलकर एक साथ नमाज अता की और आपसी भाईचारे, अमन और शांति की दुआ मांगी।
निचलौल में आयोजित इस उत्सव में नगर के कई प्रतिष्ठित लोग भी शामिल हुए। नगर के चेयरमैन प्रत्याशी अनुप मद्धेशिया और उनके सहयोगियों ने इस आयोजन में भाग लिया और उपस्थित लोगों के साथ मिलकर जश्न मनाया। उनके साथ नगर के प्रमुख समाजसेवी और मदरसे के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।हाजी खुर्शीद आलम, हाजी ऐनातुल्लाह खान, मौलाना खालिद, प्रबंधक आबिद अली, तबरेज आलम, मैनुद्दीन आलम, मौलाना अनवार, नबी हासमी, और सभासद आबिद अली सहित अन्य लोग भी इस मौके पर उपस्थित थे। सभी ने एक साथ मिलकर पर्व की शुभकामनाएं दीं और इस्लामिक आदर्शों पर आधारित समाज को मजबूत बनाने का संकल्प लिया।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का यह पर्व एक सामुदायिक उत्सव का प्रतीक है, जो समाज में आपसी सहयोग, प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देता है। निचलौल में इस बार के उत्सव ने यह साबित किया कि जब लोग एकजुट होकर एक उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो वे समाज को एक बेहतर और शांतिपूर्ण दिशा में ले जा सकते हैं।मुस्लिम समुदाय के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी इस पर्व में हिस्सा लेते हैं और मोहम्मद साहब के संदेश को समझने का प्रयास करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे धार्मिक उत्सव सामाजिक सौहार्द और एकता को बढ़ावा दे सकते हैं।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह जीवन के उच्चतम मूल्यों की ओर हमें प्रेरित करता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि मोहम्मद साहब का संदेश प्रेम, करुणा, और सच्चाई पर आधारित था, और इसे हमें अपने जीवन में उतारने की जरूरत है। निचलौल में मनाया गया यह पर्व एक बार फिर साबित करता है कि जब समाज एकजुट होता है, तो हर त्योहार शांति, भाईचारे और प्रेम का संदेश लेकर आता है।इस अवसर पर सभी ने एक साथ मिलकर इस्लामिक शिक्षा के अनुरूप समाज में शांति और समृद्धि के लिए दुआ मांगी और एक बेहतर भविष्य की कामना की।