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उत्तरप्रदेशमहाराजगंज

किसानों के नाम पर अनुमति लेकर जगह जगह कर रहे बालू खनन

महराजगंज रोहिन नदी किनारे वाले खेतों में बरसात में बालू आने से फसल उगाने की समस्या सरकार तक पहुंची तो जांच के बाद डीएम की अनुमति से ऐसे खेतों में बालू हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। तभी पहले से परेशान बालू कारोबारी ने इस नए आदेश में अपना ‘रास्ता’ निकाल लिया। बालू कारोबारी गरीब किसानों के नाम से प्रशासनिक अफसरों से बालू निकालने की अनुमति लेने के बाद मनमाने तरीके से नदी में से बालू खनन करके लाखों का फायदा उठा रहे हैं। उनके अवैध तरीके से खनन करने से रोहिन नदि के किनारे भारी भरकम गड्ढे बन चुके हैं। इससे आने वाली बरसात में दर्जनों गांव डूबने का खतरा पैदा हो गया है। ख़ालिकगढ़, गौहरपुर व रघुनाथपुर में कारनामे का एक उदाहरण भर है। ख़ालिकगढ़, गौहरपुर व रघुनाथपुर के गरीब बालगोविंद, बसंती देवी उर्फ बसन्ता पत्नी भरथरी के नाम से बालू कारोबारी ने प्रशासनिक अफसरों से बालू निकासी की अनुमति हासिल कर ली। फिर रोहिन नदी किनारे जिस खेत में अनुमति मिली थी, वहां तो खनन निकासी की। साथ ही नदी के आसपास कई घनमीटर नदी खोदकर भारी भरकम गड्ढे बना दिए है। बालू कारोबारी ने निजी कृषि योग्य जमीन बताकर एक प्रार्थना किसान से दिलाया। उसके बदले किसान को कुछ लालच दे दिया गया। उस प्रार्थना पत्र पर लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम की रिपोर्ट लगवाकर अफसरों से बालू निकासी की अनुमति ले ली। फिर राजकीय संपत्ति नदी से बालू और रेत निकालकर बेचने लगे। बालू कारोबारी इसी तरह किसानों के नाम पर उसके खेत से बालू निकालने की अनुमति लेकर करोड़ों के वारे-न्यारे करने में लगे हैं। खनन विभाग को हर महीने लाखों के राजस्व की चपत लग रही है। इस मामले में उपजिलाधिकारी दिनेश मिश्रा से प्रशासनिक पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उनका कहना है जाँच कर विधिक कार्रवाई किया जाएगा।

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