उत्तरप्रदेशगोरखपुर

आरटीओ में दिखी सख्ती, ड्राइविंग लाइसेंस में आधे से अधिक हुए फेल,

गोरखपुर/जिलाधिकारी विजय किरन आनंद की देखरेख में हुए स्टिंग में आरटीओ के अफसर और कर्मचारियों के फंसने के बाद सोमवार को कार्यालय में कामकाज बहुत सहजता से होता दिखा। बिना कागज पूरा हुए किसी का काम नहीं हो रहा है। ऑफर मिलने के बाद भी कर्मचारी खामोश दिख रहे हैं। ड्राइविंग लाइसेंस की परीक्षा में आधे से अधिक फेल हो गए। स्थाई लाइसेंस की परीक्षा में 45 फेल हुए, जबकि 40 पास हो गए।
चरगांवा और गीडा कार्यालय में गाड़ियों से संबंधित काम होते हैं। चरगांवा में आमतौर पर स्थाई लाइसेंस के लिए ड्राइविंग का टेस्ट कागजों में ही हो जाता है। लेकिन सोमवार को अधिकारी खुद टेस्ट लेते हुए दिखे। वहीं लार्निंग लाइसेंस के लिए भी परीक्षाएं होती दिखीं। आरटीओ कार्यालय में रोज की अपेक्षा नजारा पूरी तरह बदला हुआ था। आरटीओ अनीता सिंह और एआरटीओ श्याम लाल लंबे समय बाद कार्यालय में सक्रिय दिखे। आरटीओ प्रवर्तन के अधिकारी भी कार्यालय में दिखे। आरटीओ कर्मचारियों से पारदर्शिता से काम करने की नसीहत देती हुई दिखीं। सभी कर्मचारी अपनी सीट पर जमे हुए थे। दर्जन भर से अधिक दलाल परिसर से गायब दिख रहे थे। लंबे समय बाद स्थाई और संविदा कर्मचारी अपनी सीट पर काम करते हुए दिख रहे थे।
हैवी लाइसेंस में तीन में से दो फेल
लर्निंग लाइसेंस के टेस्ट में काफी सख्ती दिखी। कुल 37 अभ्यर्थियों का टेस्ट हुआ, जिसमें से 10 फेल हो गए। जबकि दो अनुपस्थित रहे। वहीं स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर भी सख्ती दिखी। 40 अभ्यर्थी पास हुए तो वहीं 45 ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो गए। वहीं हैवी ड्राइविंग लाइसेंस में तीन टेस्ट हुए, इनमें दो फेल हो गए। एआरटीओ श्याम लाल ने बताया कि सभी को निर्देश दिया गया है कि नियम के दायरे में रहकर ही काम करें। कहीं भी कुछ अनिमियतता होगी तो कार्रवाई की जाएगी।
सिर्फ आवेदकों की एंट्री
चरगांवा डीटीआई में सख्ती को लेकर होमगार्ड को कड़े निर्देश थे। परिसर में तैनात 11 होमगार्डों को निर्देश था कि परिवार में बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। सिर्फ उन्हीं आवेदकों को एंट्री मिली जिन्हें ड्राइविंग लाइसेंस या बायोमेट्रिक कराना था।
गीडा कार्यालय में देर रात तक रहे कर्मचारी
गीडा में आरटीओ के कार्यालय में फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, गाड़ियों का ट्रांसफर आदि का काम होता है। सोमवार को फाइल लेकर आने वालों की संख्या कम थी। ऑनलाइन आवेदनों को ही निपटाया गया। एआरटीओ ने बताया कि अब तो ऑनलाइन काम ही हो रहा है। विशेष परिस्थितियों में ही ऑफलाइन काम हो रहा है।

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