बाल विवाह के विरुद्ध पूरे देश में उठाए जाएं सख्त कदम: आशा त्रिपाठी
बाल विवाह के विरुद्ध पूरे देश में उठाए जाएं सख्त कदम: आशा त्रिपाठी
—– फरेंदा कस्बे के दुर्गा मंदिर परिसर में हुई बैठक
आनंदनगर
फरेंदा कस्बे के दुर्गा मंदिर परिसर में सोमवार को मानव सेवा संस्थान सेवा के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें
बाल विवाह को रोकने में विफलता पर पंचों व सरपंचों को ठहराया जाएगा जवाबदेह मामले की गंभीरता और तात्कालिकता का संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की जनहित याचिका पर फौरी सुनवाई करते हुए जारी किया आदेश पर चर्चा हुई। प्रदेश में बाल विवाहों की रोकथाम सुनिश्चित करने के राजस्थान हाई कोर्ट के फौरी आदेश के बाद पूरे देश में इस तरह की आवाजें उठने लगी हैं कि उनके राज्य में भी इसी तरह के सख्त कदम उठाए जाएं।
मानव सेवा संस्थान सेवा की अध्यक्ष आशा त्रिपाठी ने कहा राजस्थान हाई कोर्ट का यह आदेश ऐतिहासिक है जिसके दूरगामी नतीजे होंगे। देश में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब पंचायती राज प्रणाली को यह शक्ति दी गई है कि वह सरपंचों को अपने क्षेत्राधिकार में बाल विवाहों को रोकने में विफलता के लिए जवाबदेह ठहरा सके। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के सहयोगी के तौर पर हम पूरे देश के जिलाधिकारियों से इसी तरह के कदम उठाने की अपील करते हैं। जमीनी स्तर पर हमारी पहलों ने यह साबित किया है कि बाल विवाह जैसे मुद्दों के समाधान में सामुदायिक भागीदारी सबसे अहम है। यह अदालती आदेश बच्चों की सुरक्षा के लिए समुदायों को लामबंद करने में स्थानीय नेतृत्व की जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित करता है। इस दौरान मयंक त्रिपाठी,धर्मेंद्र सिंह, सत्रुजीत शाही, आशीष त्रिपाठी मौजूद रहे।