इंडो नेपाल बार्डर पर एसएसबी जवानों ने रोहिग्यां महिला को पकड़ा, भेजा जेल
नौतनवा/महराजगंज भारत नेपाल सीमा के सोनौली बार्डर पर यात्रियों की जांच के दौरान एसएसबी जवानों ने संदेह के आधार पर एक रोहंगिया महिला को पकड़ा। पूछताछ में महिला की असलियत सामने आ गयी। महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार पोखरा से दिल्ली जा रही नेपाली मैत्री बस में एक महिला की आईडी की जांच के दौरान एसएसबी जवानों को संदेह हुआ। उसे रोककर इमीग्रेशन अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गयी। मौके पर पहुंचे इमीग्रेशन अधिकारियों और एसएसबी जवानों की पूछताछ में महिला ने बताया कि दो माह पहले सीतामढ़ी बिहार के रास्ते नेपाल में वह अपने खोए हुए पुत्र की तलाश में आयी थी। अब जा रही है। फिर संदेह होने पर कड़ाई से पूछताछ में उसने बताया कि वह रोहंगिया मुस्लिम है और म्यांमार की रहने वाली है। करीब दस साल पूर्व जलमार्ग से बांग्लादेश पहुंची फिर सडक़ मार्ग से मणिपुर के रास्ते भारत मे प्रवेश किया। भारत में प्रवेश के दौरान उसके साथ उसके पति और पांच बच्चे भी थे। उन लोगों को भारत पहुंचाने के लिए एक शख्स ने प्रति व्यक्ति एक हजार रुपये लिए थे। फिर मणिपुर से गोहाटी आसाम पहुंचे। ट्रेन से दिल्ली और वहां से जम्मू कश्मीर पहुंचे। कुछ दिनों के बाद भारत में अवैध रूप से प्रवेश के दौरान उसके पति के भाई, बहन सहित दस लोग आसाम में पकड़े गए, जो तेजपुर आसाम के जेल में बन्द हैं। उन्हें छुड़ाने के लिए दो बार प्रयास की है। पूछताछ में महिला ने बताया कि करीब पांच साल के बाद उसका पति उसे तलाक देकर बांग्लादेश रिफ्यूजी कैम्प चला गया। फिर उसने जम्मू के मुहम्मद हुसैन नामक युवक से शादी कर ली। तीन साल बाद उसने भी तलाक दे दिया। बच्चों में सबसे बड़ा अब्दुल कासिम 26 दिल्ली जाफराबाद के एक मदरसे में पढ़ाई कर रहा है। उसके बाद बेटी दिलवारा बेगम 21 की शादी जम्मू में मोहम्मद आलम से हुई है। उससे छोटा बेटा इस्माइल 20 जम्मू में मिस्त्री है। इसमन तारा बेगम 13 और मुहम्मद नयन 10 जम्मू के एक मदरसे में पढ़ते हैं। पूछताछ के बाद इमीग्रेशन अधिकारियों ने आगे की कार्रवाई के लिए उसे सोनौली पुलिस के हवाले कर दिया।