महज कागजों तक सीमित रह गया व्यक्तिगत शौचालय स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर करोडों का घोटाला

–लक्ष्मीपुर ब्लॉक के 96 ग्राम पंचायतों में जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों ने बजाया शौच मुक्त का डमरू
लक्ष्मीपुर/महराजगंजस्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की कोशिश रही कि खुले में शौच से हमारी बहू बेटी माताएं समेत बुजुर्गों को निजात मिले। लेकिन भ्रष्टाचार की वजह से यह योजना पूरी तरह सफल नहीं हो पाया महराजगंज जनपद के बहुचर्चित लक्ष्मीपुर विकास खंड में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने छनकर आया है। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के लिए आए पैसे से ज्यादातर शौचालय या तो बने नहीं, और जो बनाए भी गए वो मानकों के अनुरूप नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं। सरकार हर घर शौचालय पर जोर दमखम के साथ ताल ठोक रही है। लक्ष्मीपुर ब्लॉक को ओपन डेफिकेशन फ्री (ओडीएफ) कराने पर बकायद अभियान चलाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के लिए सरकार की तरफ से भरपूर बजट भी दिया गया था। लेकिन लक्ष्मीपुर विकास खंड में इस अभियान में जमकर घोटाला देखने को मिला है। यहां के लक्ष्मीपुर विकास खंड में बिना शौचालय बनवाए ही शौचालय का पैसा पूर्व ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से निकाल लिया गया। वित्तीय वर्ष 2016-2017 से वित्तीय वर्ष 2020-2021 में जमकर घोटाले हुए हैं। जिसका आंकड़ा लगा पाना थोड़ा मुश्किल है। पूर्व प्रधान सचिव सहित एडीओ पंचायत की साठगाँठ में व्यक्तिगत शौचालयों का आवंटन किया गया। और ओडीएफ सिर्फ कागज में दिखाया गया। जब इसकी हकीकत देखी गई तो धरातल पर शौचालय गायब मिले। जबकि सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये खर्च भी हो गए। बावजूद गाँव की बहू बेटी व माताएं समेत बुजुर्गों को ठंडी गर्मी बरसात में सुबह शाम खेत एवं सड़क की राह देखनी पड़ती है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है, कि पूर्व में हुए धांधली की कड़ी जाँच की जायेगी साथ ही दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी।