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गोरखपुर

भ्रटाचार मुक्त शासकीय कार्यशैली के हकीकत को बयां करता सत्याग्रह संकल्प

सरकार भ्रष्टाचार मुक्त कार्यशैली और व्यवस्था की पोषक नही,प्रदेश में लोक शाही काबिज और लोकतंत्र है नादारद- शैलेंद्र

गोरखपुर।उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग और विकास प्राधिकरण गोरखपुर भ्रष्टाचार के मूल उत्पादन केंद्र बने हुए है जिसके विरुद्ध तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को कतिपय बिंदुओं का ज्ञापन प्रेषित करते हुए दिनाक 13 जुलाई 2021 से चलाए जा रहे सत्याग्रह संकल्प से, ” भ्रष्टाचार मुक्त स्वांग का शासकीय कार्यशैली के व्यवहारिक स्वरूप की हकीकत नजर आ रही है यदि व्यवस्था के पोषक भ्रष्टाचार मुक्त समाज एवम व्यवस्था को स्थापित करने में अक्षम है तो उन्हें भ्रष्टाचार को वैधानिक स्वरूप देने पर विचार करना चाहिए, ताकि विश्व पटल पर सार्वजनिक भ्रष्टाचार की सूची से भारत देश के नाम को विलुप्त कराते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रचलित सत्याग्रह संकल्प को उद्देश्य विहीन घोषित किया जा सके। अब तक ऐसा न करना इस बात का परिचायक है कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्त कार्यशैली और व्यवस्था की पोषक नही है जिसकी पुष्टि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सी एम सिटी गोरखपुर में विगत वर्षो से प्रचलित सत्याग्रह संकल्प पर शिक्षक समुदाय, पत्रकारिता समुदाय और जन समर्थन के लोकप्रियता को नजर अंदाज कर, वर्तमान सरकार के उपेछात्मक कार्यशैली के तुलनात्मक अवलोकन से किया जा सकता है जो इस बात का इशारा करती हैं की देश, प्रदेश में लोक शाही काबिज है और लोकतंत्र नारद है जो स्वस्थ लोकतंत्र के शुभ संकेत नही है।

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