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सड़क घोटाला: पंद्रहवां वित्त योजना के तहत हुए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

आराजी बैरीयां टोला में विकास कार्यों पर भ्रष्टाचार की सच्चाई

निचलौल ब्लॉक के ठूठीबारी  गांव के आराजी बैरीयां टोला में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। ग्रामीण विकास योजना के पंद्रहवां वित्त के तहत, इस टोले में जलालुद्दिन के घर से टैक्सी स्टैंड तक की सड़क को पक्का करने के लिए खड़ंजा लगाना था। इस परियोजना के लिए सरकारी फंड से 1,36,250 रुपये की राशि आवंटित की गई थी, जिसका उद्देश्य कच्ची सड़क को पक्का बनाना था ताकि ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा मिल सके।हालांकि, ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव ने इस पूरी परियोजना को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया। बिना सड़क निर्माण का कार्य कराए, 22 दिसंबर 2023 को ही पूरे फंड का भुगतान करा लिया गया। दस्तावेजों में खड़ंजा लगने का दावा किया गया, जबकि वास्तविकता यह है कि सड़क आज भी कच्ची ही है। न तो खड़ंजे का कोई निशान है और न ही सड़क पक्की हुई। ग्रामीणों के लिए यह स्थिति अत्यंत निराशाजनक और भ्रष्टाचार के इस बड़े खेल का प्रतीक बन चुकी है।

घोटाले की खबर सामने आते ही, स्थानीय समाजसेवी उमाकांत पांडे ने अपने स्तर पर इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस मामले की जांच के लिए एक साल पहले ही निवेदन पत्र सौंपा था। उमाकांत पांडे ने ग्रामीण विकास के नाम पर हो रहे इस घोटाले को उजागर करने की कोशिश की, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और ग्रामीणों के विकास कार्य सही ढंग से हो सकें।लेकिन, अफसोस की बात यह है कि पिछले एक साल से इस मामले की कोई ठोस जांच नहीं की गई है। अधिकारियों द्वारा लगातार आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासनिक तंत्र भी भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहा है, जिसके कारण अब तक इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया

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