कई हीरे जड़ें मैं ताज ठुकरा कर चल आया कवि निर्भय निनाद

बड़हलगंज। बड़हलगंज उपनगर के भगवती लाज पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के जन्म जयंती अवसर पर सार्थक फाउंडेशन व जनता लाइब्रेरी के तत्वावधान मेें यादों में ‘अटल’ कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के अतिरिक्त विभिन्न जनपदों से आए कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत किया। हंसी और ठिठोली की रचनाओं के बीच काफी देर तक श्रोता डटे रहे।
देवरिया जनपद से आए डा. एम साद ने अदब इतना कि कदमों में पड़ें हैं, अना इतना कि लंका खाक कर दें जैसे विभिन्न शेर व गजल पढ़कर दर्शको की तालियां बटोरी। बड़हलगंज के युवा कवि निर्भय निनाद ने कई हीरे जड़ें मैं ताज ठुकरा कर चल आया, मेरी दास्तार से बढ़कर नही कुछ भी जैसी रचना पढ़कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। युवा कवि अनुज ने जितना काम करें नही, उतना करें प्रचार, कंबल बांटे सैंकड़ा, फोटो एक हजार जैसे रचनाएं पढ़कर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। फूल गुलशन में हैं बहुत मगर, रात महकी नही, रातरानी मगर जैसी कविता सुना कर प्रदीप मिश्रा ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। डा. चारू सिंह ने मुंह से निवाले चले गए, महीप श्रीवास्तव ने आज का बचपन जब पढ़ते पढ़ते ऊब जाता है, किताबों से निकलकर, मोबाइल में डूब जाता है सुनाई। इसके अतिरिक्त मुकुल मौर्य, यमुनाधर त्रिपाठी, रीत सिंह, अंशु शुक्ल आदि ने भी काव्य पाठ कर खूब तालियां बटोरी। इससे पूर्व आयोजक प्रणव द्विवेदी शुभम ने आए हुए अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया। मदरिया सिद्धपीठ के उत्तराधिकारी महंत श्रीशदास महाराज, डा. परमहंस सिंह, महेश उमर, श्रीकांत सोनी, लक्ष्मीनारायण गुप्ता, कृष्णा त्रिपाठी, शिवांश तिवारी, अभिषेक दुबे आदि मौजूद रहें।