यज्ञ से प्रसन्न होकर देवता देते हैं आर्शीवाद: शिव प्रताप शुक्ल
विकास यादव,गोरखपुर। भारतीय संस्कृति और जीवन यज्ञ पर आधारित है। यज्ञ देवताओं का भोजन है। इसलिए हमें श्रद्धाभाव से यज्ञ में भाग लेना चाहिए।हवन शरीर के रोगों की औषधि है।मंगलवार को ग्राम सभा भंडारों में सात दिवसीय श्री हनुमत महायज्ञ में मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे श्री शिव प्रताप शुक्ल ( पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ) ने जनता को संबोधित करते हुये उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन ग्रंथों में भी उल्लेख मिलता है कि भारतीय राजे-महाराजे युद्ध में जाने से पहले हनुमान यज्ञ का आयोजन जरूर करते थे। श्री हनुमान इतने सिद्ध थे कि उनकी आवश्यकता श्रीराम तथा श्रीकृष्ण को भी पड़ी थी। मां सीता की खोज से लेकर रावण वध तक श्री हनुमान ने भगवान श्रीराम की सहायता की थी तो महाभारत में भी हनुमानजी के पराक्रमों की कई गाथाएं मिलती हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में परियोजना निदेशक गोरखपुर श्री अनिल सिंह जिला विकास अधिकारी श्रीराजमणि वर्मा व खंड विकास अधिकारी श्री आफताब अहमद भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। माननीय मुख्य अतिथि ने यज्ञ के समापन अवसर पर आयोजित प्रसाद वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया ,साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित परियोजना निदेशक को मंदिर प्रांगण व अमृत पोखरे के सौंदर्यीकरण के लिये भी निर्देशित किया। कार्यक्रम में अधिवक्ता उच्च न्यायालय श्री अमित उपाध्याय जी ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया. कार्यक्रम संयोजक श्री विष्णु उपाध्याय एडवोकेट जी ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विनय चतुर्वेदी सत्य प्रकाश मिश्र अनूप शंकर पाण्डेय नीलकांत उपाध्याय चंद्र भूषण दुबे विभव दुबे जिम्मी उपाध्याय रणविजय यादव पप्पू गौड़ देव व्रत उपाध्याय सहित क्षेत्र के तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।