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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर निचलौल व मधवलिया वन क्षेत्राधिकारियों ने बच्चों को किया जागरूक

धीरज वर्मा-NDTV24

एक समय था जब दुनियाभर भर के जंगलों में करीब 1,00,000 बाघ राज किया करते थे लेकिन 21वीं सदी तक आते-आते इनकी संख्या चार हजार से भी से कम रह गई। यही वजह है कि हर साल पूरी दुनिया में आज यानी 29 जुलाई के दिन वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य बाघों की विलुप्त हो रहीं प्रजातियों को बचाना और उनके संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना है, जिसके तहत आज रामहर्ष इंटरमीडिएट कॉलेज निचलौल में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया।कार्यक्रम के आयोजक वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के अनुसार पिछले 150 सालों में बाघों की आबादी में लगभग 95 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस निमित्त अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के द्वारा रामहर्ष इंटरमीडिएट कॉलेज के छात्र छात्राओं को जागरूक करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ,जिसमें चित्रकला,प्रश्नोतरी व स्पीच के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाएं भी कराई गई। पाँच-पांच सदस्यों के बने 8 ग्रुप में से विकिपीडिया ग्रुप ने अव्वल स्थान प्राप्त किया।साथ ही डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से छात्र-छात्राओं को जागरूक किया गया। इस अवसर पर माधवलिया रेंज रेंजर निपेंद्र चतुर्वेदी एवं निचलौल रेंजर सुनील राव उपस्थित रहें साथ ही अरशद हुसैन( प्रोजेक्ट हेड वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया),फारेस्टर दिनेश तिवारी,अशोक सिंह,प्रेमचन्द्र सिंह,रामसुधार,वनरक्षक आशीष सिंह,कलम मो0,प्रमोद मिश्रा,नवीन उपाध्याय,रविंद्र त्रिपाठी सहित रामहर्ष इंटरमीडिएट कालेज के शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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आपको बता दें कि देश में बाघों की जनगणना हर चार साल में की जाती है जिससे उनकी ग्रोथ रेट का पता लगाया जाता है. इस बीच चिंता की बात यह है कि भारत में पिछले तीन सालों में 329 बाघों की मौत शिकार, प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारणों से हो गई. इनमें से साल 2019 में 96, 2020 में 106 तो 2021 में 127 बाघ मारे गए. हालांकि, मामले को लेकर सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. भारत सरकार टाइगर रिजर्व और पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर बाघों की रक्षा की ओर तेजी से बढ़ रही है.

धीरज वर्मा-NDTV24

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