अब शीघ्र होगा समस्या क़ा समाधान : कुलपति
बोधगया। मगध विश्वविद्यालय क़े कुलपति प्रो राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि अब शिकायत कर्ताओं को या जिन्हें मगध विश्वविद्यालय अथवा किसी महाविद्यालय के प्रबंधन या व्यवस्था से कोई परेशानी है तो उसका निपटारा शीघ्र होगा तथा उसके समाधान की जानकारी उसे शीघ्र ही उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय में सुझाव एवं शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। जिस टीम के समन्वय जन संपर्क अधिकारी डॉ शैलेंद्र मणि त्रिपाठी करेंगे। इस संबंध में मीडिया कर्मियों ने यह सुझाव दिया था कि हम विश्वविद्यालय में शिकायत किससे करें और किस को हम सुझाव दें। इसके उपरांत कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने डॉ शैलेंद्र मणि त्रिपाठी को निर्देशित किया कि इस संबंध में आप एक व्हाट्सएप मोबाइल नंबर तथा मेल आईडी का सृजन कर मीडिया कर्मियों के माध्यम से प्रसारित करें।
प्रो प्रसाद ने कहा कि यदि सब लोग निष्ठा पूर्वक कार्य करें, अनुशासन होकर समय से विश्वविद्यालय में अपने कार्य का निर्वहन करें तो यह विश्वविद्यालय अपनी खोई हुई गरिमा को प्राप्त कर वैश्विक फलक पर स्थान प्राप्त कर सकेगा। इसके लिए सभी शिक्षकों कर्मचारियों से अपेक्षित सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विद्यार्थी, छात्र नेता, शिक्षकेतर कर्मचारी, शिक्षक चाहे वह विश्वविद्यालय के हो या महाविद्यालय के हो, हमारा दरवाजा उनके लिए सदैव खुला रहेगा। प्रशासन से संबंधित किसी भी समस्या को कभी भी समय लेकर मुझसे मिल सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। मैं विश्वविद्यालय को एक परिवार के रूप में मानता हूं और इसी दृष्टि से सबके साथ एक साथ एक तरह का व्यवहार रखना चाहता हूं। किसी के साथ यदि अन्याय होता है तो वह विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ शैलेंद्र मणि त्रिपाठी को भी अथवा हमें अवगत करा सकते हैं। इस संदर्भ में निर्देश दिया कि डॉक्टर शैलेंद्र मणि त्रिपाठी संबंधित विभागों से जानकारी साझा कर समस्या का समाधान कराने में सहयोग कर शिकायत कर्ता को तथा हमें भी अवगत कराएं। इसकी मॉनिटरिंग एक सप्ताह के भीतर करके मुझे भी अवगत कराएं ताकि समस्या का त्वरित समाधान हो सके जिन समस्याओं में अथवा पत्रों में अनर्गल आरोप अथवा मिथ्या जानकारी दी गई है अथवा शिकायत किया गया है। उन पत्रों में डॉक्टर शैलेंद्र मणि त्रिपाठी संबंधित शिकायतकर्ताओ से शपथ पत्र लेकर ही आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे। यदि कोई अपमानजनक टिप्पणी अथवा मिथ्या आरोप और लांक्षित करने वाले पत्र भेजे जाते हैं तो उस संदर्भ में कुलानुशासक को वैधानिक कार्रवाई के लिए प्रेषित किया जाएगा और इसकी प्रति हमे भी अवगत कराई जाए।