प्रशासन की सह पर खनन माफियाओं की चांदी
— धड़ल्ले से हो रहा बालू और मिट्टी का खनन
अनिल यादव
घुघली।महराजगंज
घुघली क्षेत्र में छोटी गंडक नदी व आस पास के इलाकों में बालू व मिट्टी का खनन धड़ल्ले से जारी है।दिन हो या रात नगर के सड़क पर अवैध कारोबार चक्का निरंतर दौड़ रहा है।अवैध बालू लदी ट्रैक्टर ट्राली पुलिस चौकी के सामने से ही निकल रहे हैं न तो कोई पूछने वाला है और न ही रोकने वाला।
जनपद महराजगंज और कुशीनगर सीमा रेखा को विभाजित करने वाली छोटी गंडक नदी के आस पास दोनों छोर पर खनन माफियाओं का हब बना हुआ है।मटियारियाँ,अहिरौली,तिलकवनिया,घुघली बुजुर्ग,कोटवा,विरइची से लेकर हसनगंज तक दर्जनों जगहों पर अवैध बालू खनन जोरों पर है।इतना ही नहीं शासन द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद खेत से मिट्टी खनन भी धड़ल्ले से जारी है।
— खनन से कई गांवो के अस्तित्व पर खतरा
छोटी गंडक नदी में हो रहे अवैध रेत खनन से कई गांवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि कटान के चलते नदी में विलीन हो गए हैं।घुघली बुजुर्ग और टेढ़वा गांव में नदी का स्वरूप बदलने से दर्जनों किसानों का खेती योग्य भूमि नदी में समा गई है।बाढ़ से बचाव हेतु बनाया गया बांध भी कटान की चपेट में आ गया है।ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो से इसकी शिकायत की गई परंतु प्रशासन अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक नहीं लगा पायी।
— क्या है माफियाओं और पुलिस का गणित
प्रतिदिन अवैध बालू लदी ट्राली ट्रेक्टरों का सड़क पर फर्राटे भरना प्रशासन और पुलिस पर सिर्फ सवालिया निशान ही नहीं लगा रहे बल्कि इस काले कारोबार में संलिप्त लोगों के साथ गणित की सेटिंग को भी उजागर कर रहा है।सूत्रों की माने तो स्थानीय पुलिस चौकी पर बाकायदे रजिस्टर मेंटेन होता है जिसमें ट्राली ट्रेक्टरों की प्रति खेप की एंट्री की जाती है और उसी के हिसाब से तयसुदा रकम वसूली जाती है।