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पंजाब की जेलों में गुप्तांगों में छिपा कर बैरकों तक कैदी अंगुली से छोटा मोबाइल फोन ले जा रहे, प्रशासन की बढ़ी टेंशन


लुधियाना/ पंजाब की जेलों में मिनी मोबाइल जेल प्रशासन के लिए बड़ी सिरदर्दी बने हुए हैं. यह चाइनीज फोन जेल में बंद कैदियों तक आसानी से पहुंच जाते हैं. मोबाइल सामान्य व्यक्ति की अंगुली से भी छोटे साइज के होते हैं.
कैदियों से बरामद मोबाइल फोन में से 70 फीसदी एक खास ब्रांड केचौड़ा के मिनी फोन हैं. इन्हीं फोन का इस्तेमाल करके जेल से ड्रग रैकेट तक शहरों में चलाए जाते हैं. यह फोन पेशी पर आने के समय कैदियों तक पहुंच जाते हैं.
गुप्तांगों में छिपाकर लाते हैं मोबाइल
जेल अधिकारियों के अनुसार, कैदी मोबाइल फोन को अपने निजी अंगों (गुप्तांगों) में छिपाकर तस्करी करते हैं. कभी-कभी 3 मोबाइल फोन तक बैरकों में आ जाते हैं. पिछले 6 महीनों में राज्य की जेलों में बंद कैदियों से करीब 4 हजार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.
लुधियाना सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट शिवराज सिंह नंदगढ़ ने कहा कि मिनी मोबाइल फोन की लंबाई 7 सेमी से कम और चौड़ाई 3 सेमी है. मोबाइल फोन आकार में इतना छोटा है कि जब जेल कर्मचारी औचक निरीक्षण करते थे तो कैदी इसे दीवारों की दरारों में छिपा देते थे. ज्यादातर मिनी मोबाइल केचौड़ा कंपनी के ही सामने आ रहे हैं.
लुधियाना सेंट्रल जेल से औसतन 400 कैदी मुकदमों की सुनवाई के लिए अदालत जाते हैं. पुलिस कर्मियों को चकमा देकर कुछ कैदी कोर्ट परिसर में अपने लिंक से मोबाइल फोन खरीद लेते थे. कैदी मिनी मोबाइल फोन को अपने गुप्तांगों में छिपाते थे. वहीं कैदियों के सहयोगी बाहर से जेल की चारदीवारी में पैकेट फेंकते थे. यह जेल में तस्करी का एक अन्य तरीका है. इसे रोकने के लिए जेल के आस-पास चौकसी बढ़ाई है.
1 हजार से कम कीमत पर उपलब्ध
मिनी मोबाइल फोन बाजार में 1000 रुपए से कम कीमत पर उपलब्ध हैं. यह अमेजोन, फ्लिपकार्ट सहित ई-कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध है. सुपरिटेंडेंट के अनुसार, मोबाइल फोन बरामद होने के मामले में जेल अधिनियम की धारा 52ए(1) के तहत मामला दर्ज करवाया जाता है. यह धारा जमानती है, इस कारण आरोपियों से पूछताछ के लिए कस्टडी नहीं मिल पाती.
बॉडी स्कैनर जेल में बेहद लाजमी
जेल प्रशासन भी इस बात को मानता है कि जेल में बॉडी स्कैनर जेल में होना बहुत जरूरी है. बॉडी स्कैनर की मदद से आसानी से छोटी से छोटी वस्तु भी कैदियों की चैकिंग के दौरान पकड़ी जा सकती है. गुप्तांगों में कैदी जर्दा, नशीली गोलियां आदि भी छिपा लाते हैं. यदि बॉडी स्कैनर रहेगा तो आसानी से जेलों में मोबाइल, नशा आदि को जाने से रोका जा सकता है.

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