मुख्यमंत्री से की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में फिजियोथेरेपी व्यवस्था की मांग, हीमोफीलिया मरीजों को हो रही परेशानी
संवाददाता,गोरखपुर। हिमोफिलिया के मरीज होने बावजूद भी बीमारी को ताक पर रखकर शैलेश गुप्ता बताते है की बार बार जोडों मे रक्तस्त्राव होने के कारण हिमोफिलिया मरीज धीरे धीरे दिव्यांग हो रहे हैं। यह भी एक कारण है कि बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर मे हिमोफिलिया मरीज के लिए फिजियोथेरेपी की व्यवस्था नही होने के कारण मरीज दिव्यांग हो रहे हैं। देखा जाए तो यही फिजियोथेरेपी कि व्यवस्था हिमोफिलिया मरीज के लिए पीजीआई, केजीएमयू लखनऊ में है, परन्तु हर मरीज वहाँ जाकर फिजियोथेरेपी करवाने में असमर्थ है।श्री गुप्ता सहित सैकड़ों गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों की राज्य सरकार से मांग है कि फिजियोथेरेपी कि व्यवस्था गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में करवाने की व्यवस्था करें ताकि गरीब मरीज भी अपने शहर गोरखपुर मे ही फिजियोथेरेपी का लाभ ले सके और दिव्यांग होने से बच सके।साथ ही सभी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रिक्वेस्ट किया कि हिमोफिलिया मरीजों की व्यवस्था अच्छा करवाया जाए और फैक्टर (सुई) 7,8,9 मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में हमेशा उपलब्ध हो ताकि किसी भी हिमोफिलिया मरीज को परेशानी का सामना ना करना पड़े।इस समय मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में फैक्टर 7 नही होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गम्भीर बीमारी से जूझ रहे हीमोफीलिया मरीजों की मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के प्रशासन से मांग है कि उनके लिए एक अलग ग्राउंड फ्लोर पर हीमोफीलिया विभाग बनाया जाये ताकि एक ही छत के नीचे सभी सुविधा उपलब्ध हो सके।