ब्रेकिंग
*नवीन प्राथमिक विद्यालय अतरौली में आज पोलियो बूत पर गंदगी का अंबार**मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए तैयार नगर पंचायत बांसगांव**मुख्यमंत्री का आगमन कल,स्वागत के लिए तैयार बांसगांवनमो कबड्डी प्रतियोगिता से ग्रामीण अंचल से निकलेंगें खिलाड़ी : विमलेश पासवान*बांसगांव में पूर्व चेयरमैन ने बांटा 40 उज्जवला गैस कनेक्श*मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों का डीएम और एसएसपी ने लिया जायजा*बंदोह नाला में मिला सड़ी-गली अवस्था में शव, जांच में जुटी पुलिस*31.5 करोड़ रुपये की लागत से होगा गजपुर-कौड़ीराम मार्ग का चौड़ीकरण*बघराई में भाजपा के विकसित संकल्प यात्रा का हुआ आयोजन**सभी लोगों को सत्य को आभूषण बनाना चाहिए- आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री*लोनी बॉर्डर पुलिस ने की मानवता की मिसाल पेशबृजमनगंज क्षेत्र पंचायत की बैठक कल।*तीन राज्यों में ऐतिहासिक जीत पर भाजपाइयों ने मनाया जश्न*ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम करेगा किसान मोर्चा-ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम करेगा किसान मोर्चा- विनय कुमार सिंह

उत्तरप्रदेशमहाराजगंज

प्रगतिशील लेखक संघ का प्रथम जिला सम्मेलन प्रेमचंद संदर्भित पत्रकारिता विषय पर परिचर्चा

आज की पत्रकारिता शासन और संप्रभु के आसपास तक की सीमित: राघवेंद्र दुबे
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ढ़ह रहा विचारणीय प्रश्न: प्रो. रघुवंश
महाराजगंज। आज की पत्रकारिता विशेष रूप से 90 के दशक के बाद शासन और संपर्क के आसपास तक की सीमित है प्रेमचंद ने पत्रकारिता का जो स्वरूप विकसित किया था आज उनके मौलिक संस्थापनाएं ढा रही हैं और इस पर पूंजीवाद के टूल के रूप में विकसित होने की बात कही जा रही है निश्चित रूप से निहित स्वार्थ के लिए पत्रकारिता पूंजीवाद के टूल के रूप में बदल गई है, जहां तक हिंदी पत्रकारिता का प्रश्न है, विशेष रूप से इस पर इन सबका प्रभाव दिख रहा है।
उक्त विचार सेंट जोसेफ स्कूल महाराजगंज में आयोजित प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार और समालोचक राघवेंद्र दुबे भाऊ में व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि हिंदी इतिहास अनुशीलन और सृजन की भाषा है परंतु हिंदी पर चर्चा के क्रम में उन्होंने कहा कि हिंदी को जितना समृद्धि गैर हिंदी भाषा वीडियो ने बनाया है यदि हिंदी के मास्टरों की बात की जाए तो उन्होंने इसे बदबूदार बना दिया है। श्री दुबे ने कहा कि शब्दों के साधक प्रेमचंद ने न सिर्फ कथाकार, निबंधकार व लेखक थे बल्कि उन्होंने अपनी रचनाधर्मिता के आधार पर पत्रकारिता को बल दिया, इसीलिए कथाकार पत्रकारिता का युग ही प्रेमचंद है ।

प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम जिला सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर रघुवंश मणि ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ जिस तरह से ढह रहा है यह हम सबके लिए विचारणीय है। प्रेमचंद ने पूरे समय से विश्व राजनीति, भारतीय राजनीति, भारतीय समाज और भारतीय साहित्य को ही आधार बनाकर अपनी रचनाएं परोसा। उन्होंने कहा कि प्रलेस का मूल कारण ही प्रतिगामी शक्तियों का विरोध करना रहा है lसांप्रदायिकता, धर्म और स्त्री विमर्श पर जोरदार वकालत प्रेमचंद ने किया था, साम्राज्यवाद और दलितों के पक्ष में भी प्रेमचंद ने बहुत कुछ लिखा है भारत में पत्रकारिता को तेजस्विता को धीरे-धीरे काम किया जा रहा है जो आगे आने वाले समय के लिए एक गंभीर संकट होगा।
प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश महासचिव संजय श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य में जो विचार हैं इस विचार को समाज के समक्ष परोसने का मंच ही प्रलेस है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का संबंध साहित्य के जिस किसी भी प्रकार का है उसे समाज के समक्ष प्रेमचंद ने प्रस्तुत किया और पत्रकारिता का जन्म ही साहित्य की कोख से होता हैl सरकार की आलोचना करना इस चौथे स्तंभ का मूल कार्य था परंतु अब यह कार्य स्थिति बस देशद्रोह की श्रेणी में आने लगा है।
सेंट जोसेफ स्कूल महाराजगंज में आयोजित इस प्रथम जिला सम्मेलन में कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत इस सिटीजन फोरम के अध्यक्ष और सम्मेलन के आयोजक डॉ आर के मिश्र ने किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र मिश्र दीपक ने किया। इस सम्मेलन को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर जनार्दन घामिया बस्ती के डॉक्टर अजीत श्रीवास्तव गोरखपुर के कलीबुल हक गोरखपुर के मोहम्मद कामिल खान जन संस्कृति मंच गोरखपुर के दिलेश्वर आदि ने संबोधित किया । सम्मेलन के अंत में सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रगतिशील लेखक संघ के इस सम्मेलन के संयोजक/पत्रकार के एम अग्रवाल ने कियाl
सम्मेलन में सी जे थॉमस विमल पांडेय डॉ शांतिशरण मिश्र डॉ ठाकुर भारत श्रीवास्तव डा परशुराम गुप्त डॉ घनश्याम शर्मा संतोष श्रीवास्तव सत्यप्रकाश त्रिपाठी सरिता त्रिपाठी देवेश पांडे रुपेश यादव अख्तर अब्बासी राजेश स्वर्णकार सुनील मिश्र संतोष श्रीवास्तव सुरेंद्र सिंह एडवोकेट सुनील शुक्ला राम प्रकाश गुप्ता प्रभात जायसवाल पशुपतिनाथ गुप्ता राकेश कुमार पटेल डॉ एल बी प्रसाद निखिल पांडे धर्मेंद्र त्रिपाठी पवन श्रीवास्तव सुरेन्द्र सिंह एडवोकेट सहित दर्ज रचनाधर्मी साहित्य और समाज से जुड़े लोग उपस्थित रहे  l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!