*आवारा पशुओं से किसान त्रस्त, जिम्मेदार मस्त*
बांसगांव– बांसगांव तहसील के अंतर्गत तालमियार मौजा में आवारा पशुओं के आतंक से किसान परेशान हैं।
झुंड के झुंड लगभग सैकड़ों से अधिक संख्या में आवारा पशु किसानों के खेतों में लगा गेहूं व सरसों सहित अन्य फसलों को बर्बाद कर रहें है।
रात के अंधेरा हो या दिन का उजाला इससे उन आवारा पशुओं को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। खाने से ज्यादा इसके खुर से फसल की बर्बादी हो रही है। फसलों के दुश्मन आवारा पशु इस इलाके को अपना बसेरा बनाए हुए हैं। इसका तांडव फसलों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा रहा है।
इनका आतंक इतना बढ़ गया है कि किसानों का कमर तोड़ कर रख दिया है। झुंड के झुंड खेतों में विचरण कर रहे इन आवारा पशुओं से किसानों के सामने बचाव के कोई उपाय नजर नहीं आ रहे हैं।
किसान यशवंत सिंह, जयराम सिंह, नीरज सिंह, योगेंद्र सिंह प्रमोद सिंह, जय सिंह, अजय सिंह ,शिव सिंह, हरि सिंह, सुभाष सिंह, गुड्डू ,राजकु यादव सहित दर्जनों किसानों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व आवारा पशुओं की संख्या कम थी लेकिन इस बार आवारा पशुओं की संख्या बढ़ गया है।
किसान विजय कुमार सिंह बबलू ने कहा कि आवारा पशुओं के आतंक से खेत की फसलों के अलावा हो रही नुकसान किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। आवारा पशुओं ने कमर तोड़ कर रख दी है। ये जंगली जानवर सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल, आलू की फसल को बर्बाद कर दिया है।
कुछ दिन पहले नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह बबलू, जय सिंह, यशवंत सिंह, हिंदू युवा वाहिनी, मृत्युंजय सिंह, शिव सिंह, प्रभाकर सिंह, नीरज सिंह, जयराम सिंह इत्यादि लोगों के सहयोग से विजय कुमार सिंह बबलू ने लगभग सैकड़ों आवारा पशुओं को बांसगांव तहसील के अंतर्गत तालमियार क्षेत्र से पकड़वाकर बांसगांव गौशाला और हरिहरपुर गौशाला भिजवाया गया था। आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद तालमियार क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या कुछ कम हुई लेकिन कुछ दिन बाद आवारा पशुओं की संख्या फिर से बढ़ गयी है ।
अगर इन आवारा पशुओं को पकड़ा नहीं गया तो बांसगांव क्षेत्र में खाने की लाले पड़ सकते हैं।
इस संबंध में हिंदू युवा वाहिनी के जिला महामंत्री मृत्युंजय सिंह उप जिलाधिकारी बांसगांव से इस गम्भीर समस्या के निदान करने के बाबत बात की तो उप जिलाधिकारी ने कहा की गाय पकड़वाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है और आप सभी लोग बांसगांव ब्लाक के खंड विकास अधिकारी से संपर्क करें। जब मृत्युंजय सिंह ने खंड विकास अधिकारी बांसगाव से बात की तो उन्होंने गाय पकड़वाने को लेकर स्पष्ट उत्तर देने से बचने लगे।