उत्तरप्रदेशमहाराजगंज

कचरे में फेंकी मिली एक्सपायरी व नॉन एक्सपायरी दवाइयां

सीएचसी बृजमनगंज पर कूड़े के ढेर में मिली दवाइयां, डॉक्टर नदारद, एकमात्र स्टाफ नर्स के भरोसे पूरा अस्पताल

धानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं मिला कोई स्वास्थ्य कर्मी व मरीज ,पूरा अस्पताल में पसरा रहा सन्नाटा, इमरजेंसी में भी लगा रहा ताला


देवानंद यादव ndtv24.in
फरेंदा, महराजगंज

लगातार अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी स्वास्थ्य सुविधाओं के सुर्खियों में छाए रहने के बाद बीते 6 सितंबर को फरेंदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी का औचक निरीक्षण मंडलायुक्त गोरखपुर द्वारा किए जाने के पश्चात खामियों को देखते हुए महाराजगंज मुख्य चिकित्सा अधिकारी व बनकटी अधीक्षक का एक एक हफ्ते का वेतन बाधित कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमा के कान पर कोई जू तक नहीं रेंग रहा। गुरुवार को आन स्पाट करने गई मीडिया टीम रात्रि 8:00 बजे धानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची जहां रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, नर्स, इमरजेंसी सेवा सब कुछ नदारद मिला । हर जगह ताला लटका मिला, पूरे अस्पताल में ना ही कोई मरीज मिला ना ही कोई स्वास्थ्य कर्मी। पूरा अस्पताल खाली पड़ा था वहीं शुक्रवार को जब हमारी मीडिया टीम आन स्पॉट करने शाम 7:00 बजे बृजमनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो वहां पर मात्र 1 स्टाफ नर्स मिली जिनके सहारे पूरा अस्पताल चैन की बंसी बजा रहा है। पूछे जाने पर पता चला की इमरजेंसी में डॉक्टर गिरीश चंद की ड्यूटी है जो मौके से नदारद मिले वही अधीक्षक भी अस्पताल परिसर में नहीं मिले।बृजमनगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव पश्चात वार्ड में मौजूद महिलाओं को भोजन में मीनू के विपरीत खिचड़ी परोसा गया था। उनके बेड पर चद्दर भी नहीं बिछा था । इस मामले में वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने बताया की भोजन प्राइवेट व्यक्ति द्वारा दिया जाता है हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है। वही जब हमारी टीम आगे बढ़ी तो वहां एक कमरे में कूड़े के ढेर में मिली दवाइयां जिनके साथ एक्सपायर व नॉन एक्सपायर दवाएं भी मौजूद रहे। ओपीडी कक्ष के सामने बने हाल में टूटी कुर्सियां मिली मरीजों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं देखी गई। हाल में बेतरतीब ढंग से गत्ते में दवाई रखी हुई मिली।
वहीं खुले में रखे हुए जनरेटर ऐसी जर्जर दशा में मिला जिसे देखकर यह अंदाजा लग रहा था कि यह कभी चलता ही नहीं। वही इमरजेंसी वार्ड के पास कोई मरीज अथवा स्वास्थ्य कर्मी तो नहीं मिला लेकिन दो पहिया वाहन इतनी संख्या में खड़े मिले कि परिसर अस्पताल कम गैरेज ज्यादा लग रहा था।
हमारी टीम ने लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आपातकालीन सेवाओं का रियलिटी चेक किया तो यह हकीकत सामने आई।

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