ईद मिलादुन्नबी का त्योहार मुस्लिम समुदाय में विशेष स्थान रखता है। यह पर्व इस्लाम धर्म के संस्थापक, पैगंबर मोहम्मद के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करने का अवसर होता है। उनके जीवन के उदाहरणों से प्रेरित होकर, यह त्योहार मानवता, करुणा, और समानता के संदेश को प्रसारित करता है।
इस पर्व के माध्यम से लोग पैगंबर मोहम्मद की सिखावनियों का पालन करने की प्रेरणा लेते हैं, जिसमें संयम, धार्मिक सहनशीलता और परोपकार प्रमुख हैं। यह त्योहार समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है, जिसे सेखुआनी टोला नौडिहवां में भी बखूबी देखा गया।
ईद मिलादुन्नबी इस्लामी कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए खास होता है क्योंकि इस अवसर पर उनके जीवन, शिक्षाओं और आदर्शों का सम्मान किया जाता है। सेखुआनी टोला नौडिहवां में भी इस साल यह पर्व खास धूमधाम से मनाया गया। मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत यार अल्विया फैजुर्रसूल की अगुवाई में एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। महफूज़ आलम मिस्बाही, शाह मोहम्मद, जाहिद खान, इज़हार अहमद, बेलाल अहमद, और अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
ईद मिलादुन्नबी के इस विशेष अवसर पर जलूस की शुरुआत मदरसा दारूल उलूम अहले सुन्नत यार अल्विया फैजुर्रसूल से हुई। गाँव के लोगों ने अपने पारंपरिक कपड़ों में जलूस में हिस्सा लिया और अपने हाथों में धार्मिक झंडे थामे हुए थे।जलूस में सामिल होने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में महफूज़ आलम मिस्बाही, शाह मोहम्मद, जाहिद खान, इज़हार अहमद, बेलाल अहमद, रिज़वान, कमालुद्दीन, आबिद अली, जे डी अंसारी, रिज़वान अहमद, मकसूद अहमद, तबारक अली, हामिद राजा, नूरानी महीउद्दीन आदि शामिल थे।
जलूस के अंत में सामूहिक दुआ का आयोजन किया गया, जिसमें पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं का पालन करने और समाज में शांति और समृद्धि की प्रार्थना की गई। इस दुआ के माध्यम से सभी ने एकजुटता और सामूहिकता का प्रदर्शन किया।