15 जुलाई समाधान दिवस पर दिये प्रार्थना पत्र पर पुलिस करती समाधान बच जाती दुर्गावती की जान
बासगांव थाना क्षेत्र के ग्राम फुलहर खुर्द की आज सुबह की घटना ।मृतक महिला को था जानमाल का खतरा,पुलिस ने किया शांतिभंग मे चलान
बांसगांव घटना की पुरी जानकारी मृतका की वहू सोनी द्वारा घर के बरामदे मे रखा हुआ तख्थ,बगल में बिछी हुई चटाई और चटाई के पास पड़ी हुई चाय का ग्लास।हर गांव वालो को बुला कर दिखा रही मृतक महिला की बहु सोनी विलख रही थी और हर बार दबंगों के साथ पुलिस को कोस रही थीं वह दबंग सास और पति को चाय नास्ता नही करने दिया वह रोते हुए बता रही थी कि पति और सास सुबह खेत की तरफ फसल देखने गये थे वहां से आने के पश्चात यह लोग बरामदे मे बैठे थे हम चाय नास्ता दोनो लोगों को देकर अंदर चले गये उसके थोडी देर बाद बाहर से आवाज आयी बाहर आकर देखी तो बाहर अंकित, सुधा शशिकला के साथ तीन लोग और मेरे पति को गिरा कर पीट रहे थे पति को बचाने के लिए सास प्रयास कर रही थी हमलावर ने सास को को भी पीटा । शुक्रवार की सुबह सात बजे मृतका उम्र साठ वर्ष दुर्गावती और संजय विश्वकर्मा चाय पी रहे थे संजय ने बताया कि मां चाय पी रही और मै तक्थ पर बैठा था खेत मे लगी फसल और कब्जा किये हुए खेत के बारे में बात हो रही थीं तभी मेरा पट्टीदार अंकित उसकी मां, बहन और तीन की संख्या मे मुझे जान से मारने की नियत से हमाला कर दिया और खिच कर मारने लगे धारदार हथियार से लगने के कारण सर फट गया मुझे बचाने के लिए मां आयी उन लोगों द्वारा मां को भी मारा गया।दोनो लोग साथ में मेरी पत्नी सोनी के साथ हास्पिटल आया हास्पिटल से हास्पिटल कर्मी बांसगांव थाने पर भेजा,थाने पर दरखास देने के पश्चात मेडिकल कराने के इंतजार मे पेड के पास बैठा पास मे मेरी माँ भी बैठी मां थाने परिसर मे गिरी और अचेत हो गई अचेता अवस्था मे दरोगा और अन्य पुलिसकर्मी हम दोनो को आटो से बांसगांव हास्पिटल भेज दिया मेरे सर पर पट्टी बाधी गई और मां को गोरखपुर भेजने की बात कही पर मां के अचेत होने के बारे में पुछा तो डाक्टर ने कहा कि वह मर गई है *आने के घंटे भर बाद हुआ मेडिकल*पीड़ित संजय विश्वकर्मा सुबह8.30 बजे ही हास्पिटल आ गया था मां के मरने की जानकारी 9.00 बजे दी गई और मेरा मेडिकल 9.45 बजे की गयीं।*खेत कब्जा करने वालो की सुनती रही पुलिस*सोनी और संजप ने कहा कि हमारे परिवार मे चार लोग थे मेरे बाबा अपने हिस्से की जमीन दो हजार रुपये मे मेरे पट्टीदार को रेहन रख दिया था रेहन की रकम मय ब्याज के साथ वापस कर दिया था पर उन लोगों द्वारा कब्जा नही छोडा जा रहा था जिसकी शिकायत 15 जुलाई के समाधान दिवस मे किपा जिसके पश्चात पुलिस और दरोगा चार बार जाकर पुछताछ किपा जिसके पश्चात हम लोगों के उपर मुकदमा कर दिया।*बेरहमी से पीटा मां को*संजप ने कहा कि मुझे बचाने के लिए मेरी मां आकर छुडाने लगी जिसके पश्चात मां को लात घुसे से मारा गया मां को मेरी पत्नी द्वारा बचाया गया जिसमें उसको भी चोट आयी है।*दरोगा पर पहले भी लगा हैं एकतरफा कार्यवाही का आरोप*बांसगांव थाने पर तैनात दरोगा सुनील शर्मा पर पीडित द्वारा एकतरफा कार्यवाही का आरोप लगा है*पहला आरोप*दरोगा सुनील शर्मा की तैनाती बांसगांव चौकी अंतरगत थी जिसमे 14 जुन को बांसगांव थाने के बगल स्थिति चाड़ी गांव मे एक आरोपी को पकडऩे के लिए गयीं थी जिसमें परिजनो ने आरोप लगाया था कि पुलिस की पीटाई से अभियुक्त की मौत हुई हैं।*दुसरी घटना*दुसरी घटना बांसगांव थाने के हल्का दो मे तैनाती पाये दरोगा सुनील शर्मा की है इसमे भी पीड़ित अपनी फरियाद बांसगांव थाने से लेकर तहसील तक सभी लोगों से कहा लेकिन जांच तो पुलिस द्वारा ही करनी थी जिसमें पुलिस मेरे पट्टीदार और प्रधान के दबाव और प्रलोभन मे आकर एकपक्षीय रिपोर्ट रिपोर्ट लगा दी और उल्टे हमलोगों पर मुकदमा करके 107 और 116 की धारा लगा दी।