विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर डॉ सी बी पाण्डेय ने लोगो किया जागरूक,
फरेंदा, महराजगंज मलेरिया बुखार मच्छरों से होने वाला एक तरह का संक्रामक रोग है.जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है,इस मादा मच्छर में एक खास प्रकार का जीवाणु पाया जाता है जिसे मेडिकल भाषा में प्लाज्मोडियम नाम से जाना जाता है.
मलेरिया चार प्रकार का होता है,प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम,प्लाज्मोडियम विवैक्स साथ ही प्लास्मोडियम ओवेल तथा प्लाज्मोडियम मलेरिऐ
डॉ सी बी पाण्डेय ने बताया कि भारत में अधिकांशतः प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम,प्लाज्मोडियम विवैक्स ही मिलते हैं जो खतरनाक होते हैं
मादा एनाफिलीज मच्छर के काटते ही व्यक्ति के शरीर में प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु प्रवेश कर जाता है.जिसके बाद वह रोगी के शरीर में पहुंचकर उसमें कई गुना वृद्धि कर देता है.यह जीवाणु लिवर और रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करके व्यक्ति को बीमार बना देती है.समय पर इलाज न मिलने पर यह रोग जानलेवा भी हो सकता है डॉ सी बी पाण्डेय ने बताया कि मलेरिया के लक्षण में सामान्यतः
कपकपी के साथ बुखार,पसीना आना,शरीर में दर्द और उल्टी आना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं
डॉ सी बी पाण्डेय ने लोगो को बताया कि इस रोग से बचने के लिए घर के आस-पास गंदगी और पानी इकठ्ठा न होने दें.ऐसी कोई भी चीज जिससे मच्छर पैदा हो सकते हो उसे नही होने दे,नाली,तालाब इत्यादि की नियमित सफाई करवाये
यदि मलेरिया के लक्षण दिखाई दे तो घरेलू इलाज न करे अपने चिकित्सक या सरकारी अस्पताल में तुरंत इलाज कराये