सभासदों ने एडीएम को पत्रक देकर किया जांच की मांग

बड़हलगंज। बड़हलगंज नगर पंचायत के सभासदों ने एडीएम को पत्रक देकर नगर पंचायत कार्यालय में अवैध तरीके से लिपिक पद प्राप्त करके लिपिक का वेतन आहरण करने वाले लिपिक के विरुद्ध जांच कराकर कार्यवाही की मांग किया है।
एडीएम को दिए संयुक्त हस्ताक्षर युक्त पत्रक में सभासद जितेंद्र कुमार, दीपक कुमार, रवि, सुदीप वर्मा, शकुंतला सोनकर, सुमित्रा, राकेश राय, गायत्री, ममता मद्धेशिया, नियाज अहमद आदि ने कहा है कि बड़हलगंज नगर पंचायत में लिपिक पद पर फर्जी तरीके से कार्यरत सुनील कुमार को वर्ष 2008 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चपरासी के पद पर नियुक्त किया गया था। तत्कालीन समय से वर्तमान तक कोई परमोशन किसी अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी या बोर्ड द्वारा प्रस्तावित नहीं किया गया। वर्ष 2017 के दौरान अध्यक्ष
के चुनाव के पूर्व सुपर सीट का समय लगभग तीन माह का था। जिसमें शासन के आदेश के अनुपालन में अधिशासी अधिकारी एवं लिपिक के संयुक्त हस्ताक्षर से नगर पंचायत के समस्त खातों का संचालन किया जाना था। इसके लिए नगर पंचायत गोला बाजार के लिपिक जयप्रकाश श्रीवास्तव को नगर पंचायत बड़हलगंज में अटैच किया गया था। जिसमें उपरोक्त शासनादेश का अनुपालन किया जा सके। तत्कालिक समय में गोला के लिपिक जयप्रकाश को दोनों नगर पंचायत का कार्यभार के कार कार्यालय के काम में सहायता करने हेतु मौखिक रूप से सुनील को लगाया गया था। 2017 में तत्कालीन नगर पंचायत प्रशासन को पता चला कि सुनील चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी होते हुए कुटरचित दस्तावेज का प्रयोग कर लिपिक पद का वेतन ले रहा है तथा फर्जीवाड़े हस्ताक्षर कर भ्रष्टाचार में लिप्त है। जबकि उस समय पद उच्चीकरण नहीं किया गया है। तत्पश्चात अधिशासी अधिकारी व अध्यक्ष द्वारा विधिक नोटिस देकर सेवामुक्त कर दिया था। वर्तमान में बिना किसी आदेश के वर्ष 2017 के कुछ समय बाद समस्त दस्तावेज अपने कब्जे में लेते हुए फर्जीवाड़े तरीके से अध्यक्ष अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर कर सुनील लिपिक पद पर कार्य करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त है। उसी समय से आज तक वह सरकारी धन का दुरूपयोग कर लोगों को गुमराह कर रहा है। सभासदों ने इसकी शिकायत पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव नगर विकास, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व एडीएम को देकर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।
वहीं इस संबंध में सुनील कुमार ने कहा कि सब आरोप निराधार हैं। परमोशन के आधार पर कार्य कर रहा हूं।