कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ
फरेंदा, महराजगंज भव्य एवं पारंपरिक वेश में मंगलवार को फरेंदा तहसील क्षेत्र के ग्राम रतनपुर में रामसरन लोहार के यहां श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ। अयोध्या धाम के महान संत राममणि शास्त्री महाराज के नेतृत्व में आयोजन स्थल से पवित्र जल स्रोत से जल भरने के साथ शुरू हुई कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं। पवित्र जल स्रोत से कलश को भरकर लाने के बाद कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित किया गया। आरती के साथ शुरू किए गए श्रीमद् भागवत कथा में संत राममणि शास्त्री महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में भागवत कथा श्रेष्ठ मानी गई है। जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है वह तीर्थ स्थल कहलाता है। इसका सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। ऐसे में अगर कोई दूसरा अन्य भी इसे गलती से श्रवण कर लेता है तो भी वह कई पापों से मुक्ति पा लेता है। इसलिए 9 दिन तक चलने वाली इस पवित्र कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। हर व्यक्ति को अपने व्यस्ततम समय से इसे सुनने के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। कथा श्रवण करने वाला भी इसका फल प्राप्त करता है क्योंकि यह कथा भगवान के मुख की वाणी है, जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध का प्रसंग का उल्लेख होने के साथ-साथ व्यक्ति के जीवन में इसकी महत्ता के बारे में भी बताया गया है। इसके सुनने के प्रभाव से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ-साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। शास्त्री ने बताया कि इस कथा को सबसे पहले अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था, जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्यु का भय दूर हुआ और उसने मोक्ष को प्राप्त किया था।