संतकबीर नगर

मन की इक्षा शक्ति और मजबूत इरादे वाले ही व्यक्ति पहुंचते हैं अपने मंजिल- अर्पिता उपाध्याय

अर्पिता उपाध्याय

(विनय त्रिपाठी,NDTV-24 टीम)

गोरखपुर।जी हां ये बाते सही साबित होती उन पर जो अपने दृढ़ इच्छा शक्ति और मजबूत इरादों से कुछ अलग व खुद की पहचान बनाते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते।और इसे सही साबित किया सीएम सिटी अर्पिता उपाध्याय ने जो गोरखपुर से ही विलांग करती व ये वेर्तमान समय मे किसी परिचय की मोहताज नही “स्वर” जो की अर्पिता उपाध्याय की पहचान है उसे उन्होंने अपनी मेहनत कठिन परिश्रम और लगन से तैयार करते हुए जनपद में बनाया अपना एक अलग मुकाम। आपको बताते चले कि अर्पिता विगत आठ वर्षों जनपद में म्यूज़िक अकेडमी संचालन रही है जिसमे बच्चों को गायन,वादन,नृत्य,पेंटिंग,स्केचिंग सीखा रही व खुद पर डिपेंड रहकर खुद के दम पर चली अर्पिता उपाध्याय और कहते है जहां लगन/मेहनत कर्म प्रधान होता वहां नियती को भी बदलना पड़ता और ईश्वर भी उनका ही साथ देते जो खुद पर विस्वास करते हुए सभी कठिनाइयों से झूझते हुए भी पहुँचते अपनी मंजिल पर।
किसी ने सच ही कहा है कि” खुदी को कर बुलंद इतना-2
की हर खुदी से पहले खुदा खुद बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या।
आपको बताते चले की अर्पिता सभी कलाओं में खुद ही निपुर्ण है जैसे गिटार, तबला वादन,ड्रम,हरमुनिया,प्यानो इत्यादि सभी कलाओं में स्वतः निपुर्ण है व माँ सरस्वती की कृपा उनपर बनी हुई।जिससे उनके अकेले की मेहनत धीरे धीरे रंग लाती गई।व आज गोरखनाथ,बेतियाहाता,तारामंडल,गीतावाटिक पर उनके चार ब्रांच चल रहे।मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि हर साल जो भी नये नये त्योहारों में कुछ न कुछ प्रोग्राम संचालित करवाती है। जिसमें प्रमुख है उनका गर्भा डांडिया का बहुत बड़ा शो जो की तारामंडल स्थित नीर निकुंज मुक्तकाशी स्वर अकादमी ऑफ आर्ट कल्चर एंड स्पोर्ट्स में वर्कशॉप के द्वारा कराया जाता है।जिसमे टीचर्स जो है वह बाहर से आते है उनके द्वारा हर अलग अलग उम्र के लोगो को जिसमे बड़े ,बच्चों,महिला पुरुष को गर्भा डांडिया, पंजाबी, भंगड़ा इत्यादि सिखाया जाता है व आज समय ये है की उनके इस समाहरोह का “टिकट भी नही बचता वर्क शॉप खचाखच भरा होता “और आलम ये है की “पहले आओ पहले पाओ” की लाइन लगी रहती समाहरोह को देखने के लिए।और फिर एक दिन इसका भव्य प्रदर्शन समाहरोह किया जाता है जिसको गर्भा नाईट डांडिया कहा जाता है।जो नवरात्र के चतुर्थी को मुख्य अतिथियों ,विशिष्ठ अतिथियों के द्वारा भव्य तरीके से अकेडमी द्वारा मनाया जाता है।आज भी स्वर अकेडमी में बच्चों के एडमिशन की लाइन लगी रहती।

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