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संतकबीर नगर

ब्राउस में 9 मानद पीठ में पांच वर्षों के लिए मानद आचार्य नियुक्त

महू (इंदौर). देश के प्रथम एवं अब तक का एकमात्र सामाजिक विज्ञान का विश्वविद्यालय नित नवाचार कर अकादमिक रूप से नये मानक गढ़ रहा है. कुलपति प्रो. आशा शुक्ला के अथक प्रयासों से नौ नए शोध पीठ की स्थापना की गई जो समाज से जुड़े विविध विषयों पर कार्य करेंगे. खास बात यह है डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थापित सभी नौ चेयर मानद (अवैतनिक) हैं. अपने अपने क्षेत्र और विषय विशेषज्ञों ने स्वेच्छा से चेयर सम्हालने की सहमति दी. संभवत: विश्वविद्यालयीन इतिहास में कुलपति प्रो. आशा शुक्ला की यह अलहदा कोशिश है जहां इतने सारे विषय विशेषज्ञ मानद आचार्य के रूप में प्रतिष्ठापित किये गए हैं.
कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने बताया कि मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववादशोध पीठ में श्रीमती सुनीता पाठक, विज्ञान और अध्यात्म शोध पीठ में डॉ. सी. के भारद्वाज, सद्भाव के लिए मीडिया शोध पीठ में प्रो. संतोष तिवारी, सामंजस्यपूर्ण समाज के लिए कानून और न्याय शोध पीठ में श्री बलराज सिंह मलिक, अहिंसा, सद्भाव और जैन विरासत शोध पीठ में प्रो. अनुपम जैन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और शांति शोध पीठ में प्रो. वीरेन्द्र कुमार गोस्वामी, जैन दर्शन शोध पीठ में प्रो. जितेन्द्र बाबूलाल शाह, शांति, सद्भाव और सतत विकास शोध पीठ में, प्रो. मार्केन्ड राय एवं भगवान बुद्ध अध्ययन और सांस्कृतिक विरासत अध्ययन शोध पीठ में डॉ. नीरू मिश्रा को मानद आचार्य मनोनीत किया गया है. इन सभी नौ पीठों के मानद आचार्य का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा.
यह सभी मानद आचार्य अपने अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और वर्षों से इन क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि परम्परागत शिक्षा पद्धति को नया स्वरूप देते हुए जारी की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के मुद्दों की पहचान एवं आजादी के अमृत महोत्सव के अनेक अनछुये पहलुओं से परिचित कराने साप्ताहिक व्याख्यान माला विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया की जा रही है. यह अपने की तरह अलग पहल है क्योंकि इन व्याख्यानों को संकलित कर विषयवार किताबों का प्रकाशन विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा. विश्वविद्यालय अपने विजन और मिशन के साथ अपने केंद्रीय मूल्यों को नई शिक्षा नीति की अपेक्षाओं के अनुरूप जोड़ते हुए उन्हें पाठ्यक्रम में प्रतिष्ठित करने के लिए भी प्रयासरत है, इसी क्रम में इन मानद पीठ की भूमिका को देखा जा रहा है। कुलपति प्रो. आशा शुक्ला ने बताया कि प्रधानमंत्री के आह्वान एवं राज्यपाल श्री मंगू भाई छ. पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय की गतिविधियां निरंतर संचालित की जा रही है.

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