महिला सफाई कर्मचारियों के पांव पखारकर मनाई महर्षि वाल्मीकि जयंती
वाल्मीकि से पहले इन्हें रत्नाकर नाम से बुलाया जाता था उप जिलाधिकारी
महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में ही माता सीता ने लव कुश को जन्म दिया था: राजेश जायसवाल
फरेंदा, महाराजगंज नगर पंचायत आनंद नगर के राम जानकी मंदिर पर शनिवार को आश्विन मास के शरद पूर्णिमा तिथि पर महर्षि वाल्मीकि का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। वाल्मीकि ऋषि को आदि कवि भी कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे महाकाव्य की रचना की थी इसी कारण से महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। सर्वप्रथम महर्षि जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात पूर्व नगर अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने नगर पंचायत आनंद नगर में कार्यरत महिला सफाई कर्मियों की पांव पखारकर उन्हें स्टील के बर्तन व अंग वस्त्र भेंट किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उप जिलाधिकारी रमेश कुमार ने कहा की वाल्मीकि से पहले इन्हें रत्नाकर के नाम से बुलाया जाता था। रत्नाकर लूटपाट चोरी जैसे गलत काम करता था लेकिन एक घटना ने उनका जीवन पूरी तरह बदलकर रख दिया। उस घटना से रत्नाकर बहुत दुखी हुआ और गलत मार्ग का त्याग करते हुए राम की भक्ति में डूब गया तपस्या आरंभ करते समय जो व्यक्ति डाकू रत्नाकर हुआ करता था वह तपस्या का समापन होते-होते महर्षि वाल्मीकि में परिवर्तित हो गए इसके बाद ही उन्हें रामायण महाकाव्य की रचना करने की प्रेरणा मिली। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व नगर अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने कहा की वाल्मीकि जी को लेकर एक प्रचलित कहानी यह भी है कि जब भगवान राम ने माता सीता का त्याग किया था तो माता सीता ने महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में ही निवास किया था इसी आश्रम में ही उन्होंने लव कुश को जन्म दिया था। इसीलिए लोगों के बीच बाल्मीकि जयंती का विशेष महत्व है। कार्यक्रम में सभासद प्रदीप पांडे मोनू, गौरी यादव, मनोज जायसवाल लल्लू सहित नगर पंचायत के कर्मचारी,सफाई नायक व नगर की जनता उपस्थित रही।